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प्रयागराज : आखिर कब तक विश्वविद्यालयों में दलित, पिछड़े और आदिवासियों को NFS किया जाता रहेगा?
देश के विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसरों के पदों पर साक्षात्कार के आधार पर चयन किया जाता है। विश्वविद्यालयों की साक्षात्कार समितियों में अधिकतम एक्सपर्ट सवर्ण प्रोफेसर होते हैं। इसलिए वे बड़ी आसानी से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के कोटे की सीट को None Found Suitable कर देते हैं। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, प्रयागराज का है।

