कठघरे में खड़ी संस्थाओं का प्रसंग एक बार फिर इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि जीएन साई बाबा के मामले में अदालत का फैसला पीड़ित के पक्ष में आया है। लंबे संघर्ष के बाद प्रोफेसर साईबाबा जेल की सलाखों से निकलकर आजाद हवा में सांस ले रहे हैं।
आज बॉम्बे हाई कोर्ट ने की दो न्यायधीशों की बेंच ने यह अहम फैसला सुनाया। यह फैसला जस्टिस विनय जोशी और वाल्मीकि एसए मेनेजस की बेंच ने सुनाया। फैसले में यह कहा गया कि दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा को उन पर लगे मामले से बरी किया जाता है और उम्र कैद की सजा अब रद्द की जाती है।