हाथी और मानव संघर्ष के बारे में सामाजिक कार्यकर्ता और हसदेव बचाओ संघर्ष समिति के कन्वेनर आलोक शुक्ला का कहना है कि भारतीय वन जीव संस्थान ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि हसदेव का जंगल हाथियों के पुराने रहवास का इलाका और आने-जाने का कॉरिडोर है। अगर यहां से जंगल काटा जाता है, तो हाथी यहां से बाहर निकलेंगे। जिसके कारण मानव-हाथी संघर्ष इतना बढ़ जाएगा कि फिर उसे संभाला नहीं जा सकता।