मुस्लिम समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के साथ ही पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक पुराने बयान में झूठ का तड़का लगाते हुए उसे तोड़-मरोड़कर पेश किया।
यह बातचीत, मध्यस्थता और मध्यस्थता के माध्यम से हेट स्पीच की समस्या का समाधान करने का एक बेहतर तरीका है। भारत में शिक्षा प्रणाली दूसरों के प्रति सहिष्णुता, करुणा और सम्मान को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है। लोगों को विविधता, एक बहुलवादी समाज के महत्व और भारत की एकता में इसके योगदान के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। सोशल मीडिया के उद्भव ने हेट स्पीच के निर्माण, पैकेजिंग और प्रसार के लिए कई मंच तैयार किए हैं।
जैसे-जैसे ये प्रचारक आरएसएस की राजनैतिक व अन्य शाखाओं में उच्च स्तर पर पहुँचते जाते हैं, उन्हें अपने अन्दर भरी नफरत को मीठी चाशनी में लपेट कर परोसना सिखाया जाता है। इसी के चलते आरएसएस के मुखिया कहते हैं कि देश के सभी निवासी हिन्दू हैं और वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना पर जोर देते हैं। यहाँ तक कि इससे प्रभावित होकर कई चिंतकों और अध्येताओं को लगने लगता है कि आरएसएस के साथ संवाद स्थापित किया जाना चाहिए।