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Jagammanpur
चंबल का एक फकीर कवि
सद्दीक अली बेहद ज़िंदादिल इन्सान हैं। जब तक उनके जीवन के बारे में गहराई से न जाना जाय तब तक लगेगा कि यह जिंदादिली उनकी ज़िंदगी के सुखों से पैदा हुई है। लेकिन वास्तव में यह उनके कठिन दिनों और संघर्षों से जन्मी है जिसने उन्हें हर आघात से उबरने की कूबत दी है। सद्दीक अली को स्थानीय स्तर पर सभी लोग जानते हैं क्योंकि वह जगम्मनपुर क्षेत्र के सभी सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों में न केवल बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी करते हैं बल्कि पूरा सहयोग भी करते हैं। उनके दोहों, कविताओं, गज़लों को लोग बेहद शौक से सुनते हैं। स्थानीय साथियों ने उनका यूट्यूब चैनल भी बनाया है।

