वाराणसी की सदर तहसील के एसडीएम ने वाराणसी के पूर्वी छोर पर स्थित जाल्हूपुर परगना के चार गाँवों तोफापुर, मिल्कोपुर, कोची और सरइयाँ की कुल सौ एकड़ से भी ज्यादा (109) ज़मीन को बंजर घोषित करने और कब्जे में लेने का एक फरमान निकाला। लोग कहते हैं कि यहाँ बस अड्डा बनेगा। ये गाँव रिंग रोड फेज तीन के किनारे हैं और अब यहाँ की ज़मीन काफी ऊँची कीमत पर बिक रही है।
गाँव के लोग पर खबर प्रकाशित होने के बाद प्रभावित किसानों को अपने संघर्ष को आगे बढ़ाने की हिम्मत मिली। उन्होंने न्यायिक व्यवस्था में सरकार के प्रयास पर मजबूती से आपत्ति जताई और परिणाम यह हुआ कि किसानों की जमीन को जबरन अधिग्रहित करने की इस खबर के असर ने वाराणसी के पूर्वी छोर पर स्थित जाल्हूपुर परगना के चार गाँवों तोफापुर, मिल्कोपुर, कोची और सरइयाँ की जमीन को बंजर होने से बचा लिया है।
शायद इक्का-दुक्का लोगों को ही इस बात की जानकारी थी कि उनकी जमीनों के कुछ हिस्सों को सरकार ने बंजर घोषित कर आदेश निकाल दिया है। लेकिन किसी के पास पक्की खबर नहीं थी कि वास्तव में मामला क्या है। कुछ लोगों ने बताया कि हाँ, हमारे गाँव में ड्रोन से सर्वे हुआ है। लेकिन उसका क्या उद्देश्य है इसके बारे में कुछ भी नहीं पता। रोज अखबारों में बड़ी-बड़ी परियोजनाओं की खबरें और सब कुछ को आधार-पैन से जोड़कर हर धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े से निपटने के सरकारी दावों ने लोगों को इतना अधिक भरमा दिया है कि शायद ही किसी को चिंता हो कि उसके पाँव के नीचे से ज़मीन खिसकनेवाली है। ऐसे में यहाँ अगर ऐसी बात है कि हर कोई किसी बड़ी सरकारी कार्यवाही से अनजान है तो आश्चर्य ही क्या है।