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kangana ranawat
एकात्म मानववाद से एकात्म महामानववाद तक भाजपा
जंगल सफारी में फोटो और उनके लिए बनाई गयी मुद्राओं पर चुटकी लेने वाले, स्थापना दिवस के समारोह में अपने अध्यक्ष के भाषण में भी बिना पलक झपकाए लगातार कैमरे में बने रहने के लिए उनका मखौल बनाने वाले भूल जाते हैं कि यह सिर्फ आत्ममुग्धता की पराकाष्ठा बताया जाने वाला, सभ्य समाज में नार्सिसिज्म के रूप में परिभाषित किये जाने वाला मनोरोग नहीं है। यह एक बड़े, बहुत बड़े देश के सबसे प्रमुख पद पर बैठे व्यक्ति का सोच-समझ कर किया जाना वाला आचरण है।
गुजरात के नरेंद्र मोदी और बिहार के कामेश्वर यादव (डायरी,14 नवंबर, 2021)
बात करीब दस दिन पुरानी है। मैं पटना में अपने घर पर था। अचानक एक सवाल मेरे संज्ञान में लाया गया। दरअसल, मेरी छोटी...