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lal kile ki prachir
बात, जो पूंजीवाद और नवउदारवाद के विमर्श के परे भी है डायरी (17 अगस्त, 2021)
पूंजीवाद मेरे जीवन में पहली बार तब आया जब मैं पत्रकार बना ही था। पटना से प्रकाशित दैनिक आज में मुझे जो बीट दिया...
दलित-बहुजनों के साथ जातिगत भेदभाव के लिए राष्ट्रीय शर्म दिवस की घोषणा कब? डायरी (15 अगस्त, 2021)
साहित्य और साजिश! क्या यह संभव है कि साहित्य का सृजन साजिश के तहत किया जा सकता है? यह सवाल मेरी जेहन में अनायास...