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कौन है कैमूर का कांशीराम जो हर परेशानी को पार कर जज बना
इंटरमीडिएट में धार्मिक पाखण्ड, अंधविश्वास एवं भाग्य-भगवान से दिवाकर का मोहभंग हो गया था। बहुत साल तक इसके पास मात्र एक या दो जोड़ी ही कपड़े रहे हैं लेकिन हमेशा साफ-सुथरा और आयरन करके ही पहनता था। कपड़ा अधिकांशतः रात में साफ करता और पंखे के हवा से सुखाकर सुबह आयरन करता तभी पहनता था। दाढ़ी कभी भी नहीं बढ़ने देता था, हमेशा क्लीन शेव और हंसता-मुस्कुराता चेहरा रखता रहा है।

