ऐसे समाज में जहां मासिक धर्म के बारे में बातचीत गोपनीयता में छिपी रहती है, लेह ऐसे जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से अंतर को पाटने का प्रयास कर रहा है। हालांकि देश के अन्य हिस्सों की तरह लेह में भी अधिकांश दुकानदार सेनेटरीपैड को अखबार में लपेटकर देते हैं। जबकि अखबार में पैड लपेटना कोई समाधान नहीं है, बल्कि यह मासिक धर्म उत्पादों के अनुचित रखरखाव को बढ़ावा देता है।
माहवारी कोई बीमारी नहीं है यह तो प्राकृतिक प्रक्रिया है । इस समय उपयोग में आने पैड,कॉटन या सैनिटरी का उपयोग सावधानी से करें जो हर स्थिति में सुरक्षित हों।
आजमगढ़। के एन सिंह माध्यमिक विद्यालय में बीते शनिवार को ग्रामीण पुनर्निर्माण संस्थान और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अतरौलिया के संयुक्त तत्वावधान में 'सब कुछ...