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#Munshipremchand
राजनीति द्वारा हर स्तर पर प्रभावित जीवन को साहित्य कैसे रचेगा?
समय निरंतर बदलता है और उसके साथ जीवन और परिवेश भी। जैसे किसान के हल को ले लीजिए। आज से लगभग पंद्रह साल पहले...
प्रेमचंद और बहुजन साहित्य की अवधारणा (डायरी, 30 जुलाई, 2022)
समाज को कैसा होना चाहिए? इसका निर्धारण साहित्य के जरिए किया जाता रहा है। साहित्य की जिम्मेदारी यह है कि वह समाज की परिभाषा...