वाराणसी में NTPC के हरित कोयला प्लांट में कचरे से तैयार किए जा रहे कोयले से प्रदूषण बढ़ रहा है, जिसका स्थानीय स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इस प्लांट का उद्देश्य कचरे के पुनः उपयोग के जरिए कोयला उत्पादन को पर्यावरण-संवेदनशील बनाना था, लेकिन इसके साइड इफेक्ट्स ने चिंता पैदा कर दी है।
हजारीबाग जिले का सबसे बड़ा अनाज उत्पादन करने वाला प्रखंड, बड़कागांव अब अपनी पहचान खो चुका है। काले कोयले की काली नजर बड़कागांव को लग चुकी है। एनटीपीसी के कोयला खदान लगने के बाद गाँव की खेती और किसान दोनों संकट का सामना कर रहे हैं।
बीएचयू (वाराणसी) : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर के विश्वनाथ मंदिर के सामने मंगलवार को अपराह्न 03 बजे 'भगतसिंह छात्र मोर्चा' छात्र संगठन के विद्यार्थियों...