Saturday, April 20, 2024
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बीएचयू प्रशासन को नहीं सुहा रहा है छात्रों द्वारा रोजगार और भ्रष्टाचार पर बात करना

बीएचयू (वाराणसी) : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर के विश्वनाथ मंदिर के सामने मंगलवार को अपराह्न 03 बजे ‘भगतसिंह छात्र मोर्चा’ छात्र संगठन के विद्यार्थियों द्वारा भारतीय रेलवे के NTPC परीक्षा परिणाम में किये गये घोटाले व पटना (बिहार) में प्रतियोगी छात्रों के साथ पुलिस द्वारा की गयी बर्बरता के खिलाफ प्रतिरोध सभा का आयोजन किया […]

बीएचयू (वाराणसी) : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर के विश्वनाथ मंदिर के सामने मंगलवार को अपराह्न 03 बजे ‘भगतसिंह छात्र मोर्चा’ छात्र संगठन के विद्यार्थियों द्वारा भारतीय रेलवे के NTPC परीक्षा परिणाम में किये गये घोटाले व पटना (बिहार) में प्रतियोगी छात्रों के साथ पुलिस द्वारा की गयी बर्बरता के खिलाफ प्रतिरोध सभा का आयोजन किया था। विद्यार्थियों ने ज्यों ही अपना विरोध प्रदर्शन शुरू किया, बीएचयू प्रशासन ने उन्हें रोकना शुरू कर दिया। बीएचयू प्रशासन कहने लगा कि आप मंदिर के सामने ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं कर सकते हैं। छात्रों ने जवाब में कहा कि यहां पर आये दिन संप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने वालों कार्यक्रम किये जाते हैं तो किसी को कोई दिक्कत नहीं होती है; फिर हम तो रोजगार और भ्रष्टाचार से संबंधित बात कर रहे हैं। सरकार की सड़ी-गली लाश रूपी व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं; हमारे सवाल व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं हैं बल्कि हमारे सवाल से बीएचयू के प्रोफेसरों, कर्मचारियों और सुरक्षा बलों के बच्चे भी लाभ उठायेंगे। ऐसे में बीएचयू प्रशासन द्वारा हमारे विरोध प्रदर्शन को रोकने का क्या मतलब है? बाद में प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों ने कहने लगा कि आप अपना विरोध प्रदर्शन दर्ज कराने, लेकिन माइक बंद कर दीजिए। माइक बंद करने की बात पर छात्रों ने प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों से जमकर बहस किया और अंततः ऑन माइक विरोध प्रदर्शन का समापन हुआ।
बीसीएम द्वारा विश्वनाथ मंदिर पर विरोध प्रदर्शन के पीछे का कारण यह था कि 2019 में RRB NTPC ने विभिन्न पदो पर कुल 103739 सीट पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसका एग्जाम लगभग तीन साल बाद 2021 में संपन्न हुआ और इसका परिणाम हाल ही में 15 जनवरी को घोषित हुआ है। रेलवे द्वारा जारी परीक्षा परिणाम में बड़े पैमाने पर धांधली की आशंका जाहिर करते हुए गुस्साएं छात्र-छात्राओं ने सोमवार को पटना और आरा रेलवे ट्रैक पर इकट्ठा होकर ट्रेनों की आवाजाही को ठप कर दिया था। इस पर सत्ता ने दमनकारी रूप अपनाते हुए छात्रों द्वारा अपने अधिकार मांगने पर उनपर लाठी चार्ज की और आंसू गैस के गोले दागी। नौजवानों की बेरोजगारी की स्थिति और उन पर कल हुए पुलिसिया दमन के खिलाफ भगत सिंह छात्र मोर्चा ने बीएचयू के विश्वनाथ मंदिर पर इकट्ठा होकर विरोध प्रदर्शन व सभा किया, जिसे बीएचयू प्रशासन ने रोकने की कोशिश की और छात्र-छात्राओं से हाथापाई भी की। इसके आलावा कुछ एबीवीपी के छात्रों ने सरकार के प्रति अपनी वफादारी दिखाते हुए अड़चन उत्पन करने की असफल कोशिश की। इस बीच भगत सिंह छात्र मोर्चा ने पुरजोर तरीके से अपनी बात रखी और विरोध प्रदर्शन को मजबूती से संपन्न किया। साथ ही सरकार से मांग किया कि उक्त धांधली पर उचित कार्यवाही कर दोषियों को दंडित किया जाए।
विरोध सभा मे आकांक्षा ने अपनी बात रखते हुए कहा कि देश में बड़े पैमाने हुए निजीकरण की वजह से सरकारी नौकरियों की काफी कमी हो रही। ऊपर से विरोध-प्रदर्शन के दबाव में कुछ वेकैंसी आती भी हैं तो कभी पेपर लीक तो कभी घूस लेकर नौकरी देने की घटना सामान्य सी बात हो गयी है। बीसीएम के सचिव अनुपम ने अपनी बात को छात्र-छात्राओं के आत्महत्या पर केंद्रित करते हुए कहा कि बेरोजगारी का आलम यह है कि इलाहाबाद में जहाँ लाखों छात्र-छात्राएं प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी छोटे छोटे कमरे में रहते हुए करते हैं, वहां हर रोज किसी न किसी की आत्महत्या की खबर मिल ही जाती है। लगातर नौकरियों की कमी ने अच्छी शिक्षा के बावजूद नौजवानों को बेरोजगार कर दिया है, जो उन्हें भयानक अवसाद की ओर धकेल रहा है।
विरोध प्रदर्शन के दौरान बीच-बीच में क्रांतिकारी लोकगायक युद्धेश ने बेरोजगारी से संबंधित ‘जूता हमार टूट गईल नौकरी के खोज में‘, जैसे गीत गाए और अन्य जनगीत के माध्यम से युवाओं से अपील की कि वो अपने हक़-अधिकार के लिए सामने आएं और इसकी लड़ाई लड़ें।
सभा का संचालन उमेश ने किया और समापन में अपनी बात रखते हुए कहा कि इस भयानक बेरोजगारी और दमन के खिलाफ भगतसिंह छात्र मोर्चा नौजवानों को अपने हक़ अधिकार के लिए गोलबंद करेगा और एक बड़ी व लंबी लड़ाई लड़ेगा।
बिहार में आरआरबी-एनटीपीसी के प्रतियोगी छात्रों पे हुए लाठीचार्ज के विरोध में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में कार्यरत ‘बिहार छात्र युवा संघर्ष समिति’ ने भी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के मेन गेट लंका पर अपना विरोध दर्ज कराया। समिति की ओर से कहा गया कि कल पटना में छात्रों के साथ जो कुछ भी हुआ, वह निंदनीय है।बीएचयू के लोग मजबूती से प्रतियोगी छात्रों के साथ खड़े हैं। शिक्षा रोजगार स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधा सरकार को देनी ही होगी, वरना आने वाले दिनों में जब चुनाव होगें तो यही छात्र अपने गांव-जवार में जाकर विधानसभा चुनाव में आपके लाठी का हिसाब मजबूती से लेने के लिए मजबूर होंगे। साथ ही बिहार छात्र युवा संघर्ष समिति की ओर से मांग की गयी है कि रेलवे बहाली के रिवाइजड़ रिजल्ट और एक कट ऑफ बनाएं। आर आर बी नोटिफिकेशन के अनुसार सीट का 20 गुना रिजल्ट प्रकाशित करे। रेलवे अपने बहालियों का कलेंडर जारी करो।
समाजवादी छात्रसभा की बीएचयू ईकाई ने आज निम्नलिखित मुद्दो को लेकर बीएचयू कुलपति के नाम राहुल यादव ‘लकी’ के नेतृत्व में ज्ञापन दिया।
समाजवादी छात्रसभा बीएचयू ईकाई ने मांग-
1. छात्र/कर्मचारी स्वास्थ्य केंद्र को 24 घंटा खोला जाए तथा इमरजेंसी एवं एंबुलेंस सेवा बहाल किया जाए।
2. लाइब्रेरी को पूरी क्षमता के साथ 24 घंटे के लिए खोली जाए।
3. हॉस्पिटल में छात्र व कर्मचारीयो के के लिए बेड़ों की संख्या निर्धारित की जाए।
4. कृषि विज्ञान संस्थान व अन्य क्षेत्रों में फीस वृद्धि वापस लिया जाए।
5. व्यायामशाला व खेल के मैदान मेंटनेंस मे सुधार किया जाए।
6. BHU में हो रहे प्राइवेट टेन्डर व कैजुअल भर्ती में BHU छात्रों को 25% छूट दी जाए।
गाँव के लोग
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