समाज को कैसे देखा और समझा जाय, इसका निर्धारण समाज के मानदंडों से ही होता है और ये मानदंड वे बनाते हैं जो समाज में अपना वर्चस्व रखते हैं। यह… Read More...
मेरी कहानियों में स्त्री-पुरुष प्रेम प्रधान कहानियां बहुत कम हैं। उसका कारण यह भी है कि इस क्षेत्र में मैंने बहुत कम मशक्कत की है।
बातचीत… Read More...