वर्ष 1942 में कनाडा में भाषण देते हुए डॉ. बीआर आम्बेडकर ने भारत में दलितों की समस्या की चर्चा करते हुए दो मुख्य बातों का उल्लेख किया था। उन्होंने पहली बात यह कही थी कि जाति व्यवस्था, साम्राज्यवाद से ज्यादा खतरनाक है और भारत में जातिप्रथा समाप्त होने के बाद ही शांति और व्यवस्था कायम हो पाएगी। दूसरी बात उन्होंने यह कही थी कि भारत में यदि किसी वर्ग को स्वतंत्रता की असली दरकार है तो वे दलित हैं।