TAG
poetry
मुस्तफा हुसैन ‘मुश्फिक’ की गीत-यात्रा
कनखी कनखी तकी चुनरिया फूटी रस की
कहां बदरिया
गरल पात्र भर गये सुधा में हम भी भींगे वर्षा में । भींगों भाई कौन रोक सकता...
कविता में लड़ता हुआ कवि
https://www.youtube.com/watch?v=D-I3iVFOfXsकविता में लड़ता हुआ कविलोक कवि मोहनलाल यादव से बात-चीत और कविता पाठमोहनलाल यादवरामजी यादव

