जागने से पहले अंतरात्मा समाजवादी रहती है क्योंकि उसे पता है कि अगर अभी जाग गई तो उसे क्या मिलेगा? अर्थात राज्यसभा आदि अथवा विश्वास मत हासिल करने के मौके पर तो जो मांगो वहीं मिलेगा। इसलिए भला इसी में है कि अंतरात्मा सोई रहे। चाहे स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी के महासचिव रहकर आपके देवता-दानी को कितना भी गरियाएं लेकिन अपनी अंतरात्मा को जबरन सुलाये रखो क्योंकि अभी जाग गई तो कुछ नहीं मिलेगा।