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Ramnath Shivendra
सोनभद्र के शिवेंद्र और शिवेंद्र का सोनभद्र : सोनभद्र यात्रा – 4
राही मासूम रज़ा के गाजीपुर और रुद्र काशिकेय से लेकर शिवप्रसाद सिंह, काशीनाथ सिंह और अब्दुल बिस्मिल्लाह के 'बनारसों' की तरह शिवेंद्र का अपना सोनभद्र है जिसका धूसर हरियाला सौन्दर्य और अपनी ही आबादी को न समेट पाने और बहुस्तरीय विस्थापन के शिकार होते लोगों की वंचना, उत्पीड़न और प्रतिरोध की लोमहर्षक कथाओं और उपकथाओं का अपरिमित आगार भी है। इनमें से बहुत सी चीजों को शिवेंद्र ने पकड़ा है और मुझे यह कहने में कोई गुरेज नहीं कि वे सफल हुये हों या न हुये हों, यह एक साहित्यिक सवाल है, लेकिन उनकी जो कथात्मक रेंज है वह आश्चर्यचकित करती है।
सोनभद्र के साहित्यिक गेटवे : सोनभद्र यात्रा – 2
उम्मीद करता हूँ कि सोनभद्र की मेरी इस यात्रा की पहली शृंखला अब तक आप पढ़ चुके होंगे नहीं पढे हैं तो नीचे दिए लिंक पर जाकर इसे देख सकते हैं।