Sunday, August 24, 2025
Sunday, August 24, 2025




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमTagsRiots on festivals

TAG

riots on festivals

लोकप्रियता के नाम पर साम्प्रदायिक हिंसा फैलाने में दक्षिणपंथी कवियों और गायकों की भूमिका

अभी तक यही बात मानी जाती थी कि कि कविता, गाने और संगीत लोगों के मनोरंजन के लिए होता है लेकिन यह देखा जा रहा है कि कविता और गीतों का उपयोग देश में साम्प्रदायिक ज़हर फ़ैलाने के लिए भी किया जा रहा है। हिन्दू त्योहारों और जुलूसों के दौरान अल्पसंख्यक समुदाय को डराने और हिंसा करने के लिए लगातार भड़काऊ गाने बजाये जा रहे हैं। यह बात निर्भीक पत्रकार कुणाल पुरोहित ने अपनी विचारोत्तेजक पुस्तक ‘एच-पॉप’ में लिखी है। जिसमें स्पष्ट लिखा है कि हिन्दुत्वादी कवि, लेखक और पॉप गायकों की रचनाएं देश में विशेषकर हिन्दुभाषी प्रदेशों में गाई,बजाई और पढ़ी जा रही हैं, जिसका असर साम्प्रदायिक उन्माद और दंगों के रूप में सामने आ रहे हैं।

ताज़ा ख़बरें

Bollywood Lifestyle and Entertainment