वर्ष 2021 में आई फिल्म द एम्पायर में काबुल की अहम भूमिका है। भारत पर आक्रमण करने वाले ज्यादातर आक्रान्ता अफगानिस्तान से होकर ही दाखिल हुए। अलेक्स रदरफोर्ड (डायना और माइकल प्रेस्टन का संयुक्त उपनाम) ने एम्पायर ऑफ़ मुग़ल’ नाम से 6 हिस्सों में ऐतिहासिक फिक्शन लिखा है। निखिल आडवाणी और मिताक्षरा कुमार ने इस किताब के ऊपर एक वेब सीरिज बनाई है। इस फिल्म में बाबर, हुमायूं, कामरान और उनका मुगल खानदान है जो फरगना, समरकंद और काबुल होते हुए हिन्दुस्तान पर काबिज होते हैं। काबुल को साम्राज्यों का कब्रगाह कहा जाता है। इस फिल्म को देखकर यह विश्वास होने लगता है कि अफगानिस्तान के रास्ते भारत आये बाबर के उत्तराधिकारियों में हुमायूँ, कामरान, दाराशिकोह, बहादुरशाह ज़फर जो भी नरम दिल थे कवि शायर थे, मानवता का सम्मान करते थे रिश्तों को अहमियत देते थे, कमजोर शासक साबित हुए. बादशाह मर जाते हैं बादशाहत जिंदा रहती है। तख़्त का एक शासक होता है उसे बांटकर नहीं चलाया जा सकता। अमेरिकी जा चुके हैं। कट्टर तालिबानी अब बंदूकों के बल पर काबुल पर राज करेंगे।