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महिलाओं के विरुद्ध जारी है डायन के नाम पर अपराध
अपर्णा -
भारत के कुछ राज्यों, खासकर झारखंड और उड़ीसा में स्त्रियों के विरुद्ध अपराधों में डायन कहकर उनको प्रताड़ित करना और उनकी हत्या तक कर देना एक भयावह स्तर तक बढ़ा है। गरीब, पिछड़ी और दलित स्त्रियों के पास यदि थोड़ी भी जमीन और संपत्ति है और वे विधवा हैं या अकेली हैं तो अक्सर उन पर डायन-बिसाही का आरोप लगाकर प्रताड़ित किया जाता है। उनके खिलाफ इतना गहरा षड्यंत्र किया जाता है कि उन्हें आसानी से भीड़ द्वारा मार डाला जाता है। झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान जैसे राज्यों में स्त्रियों को डायन साबित करने की घटना बहुत आम बात है। ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास इस कदर हावी है कि लोग क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए डायन-बिसाही होने का आरोप लगाकर नृशंस तरीके से हत्या करने से बाज नहीं आ रहे हैं। पिछले पैंतीस वर्षों का आंकड़ा देखें तो इसने एक कुप्रथा का रूप ले लिया है। तकरीबन पचास हज़ार से भी अधिक महिलाएं डायन होने के आरोप में प्रताड़ित की गई हैं। उन्हें गाँव से भगा दिया गया अथवा सामाजिक बहिष्कार का शिकार होकर वे नारकीय जीवन जी रही हैं। आठ हज़ार से अधिक महिलाओं की हत्याएं डायन होने के आरोप में कर दी गई हैं।

