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Tilottama Shom
वर्ग विभाजन के साये में पनपी एक खूबसूरत प्रेम कहानी है ‘सर’
आज भी घरेलू काम करने वालों को नौकर, नौकरानी का दर्जा दिया जाता है। ज्यादातर घरेलू कामगार वंचित समुदायों और निम्न आय वर्ग समूहों से आते हैं, इनमें से अधिकतर पलायन कर रोजगार की तलाश में शहर आते हैं। उन्हें अपने काम का वाजिब मेहनताना नहीं मिलता है और सब कुछ नियोक्ताओं पर निर्भर होता है जो की अधिकार का नहीं मनमर्जी का मामला होता है। घरेलू कामगारों को कार्यस्थल पर गलत व्यवहार, शारीरिक व यौन-शोषण, र्दुव्यवहार, भेदभाव एवं छुआछूत का शिकार होना पड़ता है। आम तौर पर नियोक्ताओं का व्यवहार इनके प्रति नकारात्मक होता है। इस पृष्ठभूमि में क्या रत्ना और अश्विन के लिए इन सबसे पार पाना, एक दूसरे से प्रेम करना और अपने नियमों के अनुसार जीना संभव है?

