किसी राष्ट्र की प्रगति के लिए उसके संविधान का अत्यधिक महत्व होता है। व्यवस्थित संविधान देश की मजबूती और विकास का द्योतक है, यह बात इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोविन्द माथुर ने रविवार को सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट द्वारा भंदहा कला कैथी ग्राम में संचालित आशा पुस्तकालय एवं अध्ययन केंद्र में छात्र छात्राओं से संवाद के दौरान कही। उन्होंने एक अन्य देश का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत के साथ ही एक अन्य को भी स्वाधीनता मिली थी, भारत को जहां एक व्यवस्थित संविधान मिला वहीं दूसरे देश के पास 25 वर्षों तक कोई निश्चित संविधान ही नही था नतीजा आज सामने है कि वह देश विकास के तमाम मानकों में काफी पिछड़ा हुआ है और हम दुनिया की बड़ी ताकत बनने की और अग्रसर हैं।
अतिथियों का अभिनंदन करते हुए आशा ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने बताया कि ट्रस्ट द्वारा बालिकाओं की शिक्षा और व्यक्तित्व विकास के लिए 6 स्थानों पर लाइब्रेरी का संचालन किया जा रहा है। आशा ट्रस्ट द्वारा किये जा रहे प्रयासों के बारे में बोलते हुए न्यायमूर्ति माथुर ने कहा कि संस्था द्वारा बालिकाओं के आत्मविश्वास में वृद्धि के लिए किये जा रहे सभी प्रयास अत्यंत सराहनीय हैं उन्होंने बच्चों को उपलब्ध कराए जा रहे संसाधनों का भरपूर उपयोग करते हुए अपने संवैधानिक अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति सचेत रहने और जिम्मेदार नागरिक बनने की शुभकामनाएं दीं। न्यायमूर्ति माथुर के साथ उनकी धर्मपत्नी एवं उच्च न्यायालय इलाहाबाद के अनेक अधिवक्तागण भी उपस्थित रहे।
इसके पूर्व आशा ट्रस्ट परिसर में आगमन पर अवकाश प्राप्त केंद्रीय जांच ब्यूरो अधिकारी श्यामाचरण पाण्डेय ने नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के व्यक्तित्व पर लिखी अपनी स्वरचित दो पुस्तकें जस्टिस माथुर एवं श्रीमती माथुर को भेंट की। आगंतुकों का स्वागत प्रदीप सिंह, ज्योति सिंह, रणवीर पाण्डेय ने पुष्पगुच्छ प्रदान कर किया। कार्यक्रम का संचालन अनुष्का पाण्डेय, धन्यवाद ज्ञापन ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय किया। इस अवसर पर विशेष रूप से एडवोकेट सुजीत कुमार, एडवोकेट प्रमोद कुमार साहनी, एडवोकेट अनिल श्रीवास्तव, साधना पाण्डेय,सरोज सिंह, अरुण राजन, रमेश चन्द्र श्रीवास्तव, अशोक यादव, रमेश प्रसाद, बृजेश कुमार, सौरभ चन्द्र, अतुल चौबे, सुनीता, अनुष्का पाण्डेय, नर नाहर पाण्डेय, मिथिलेश यादव, अविनाश मालवीय आदि सहित आशा ई लाइब्रेरी और इलीट इंग्लिश स्कूल के बच्चों की उपस्थिति रही।