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times of india
बिलकीस बानो प्रकरण पर एक टिप्पणी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में महिलाओं का सम्मान करने की अपील की थी। उसके बाद देश में दो ऐसी...
विकास के नाम पर भू-अधिग्रहण के अनुभव, परिदृश्य और सबक : रणकौशल का सवाल
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 28 जून, 2022 को जल-जंगल-ज़मीन की कॉर्पोरेट लूट, दमन और विस्थापन के खिलाफ जनसंघर्षों का एक दिवसीय राज्य सम्मेलन हुआ। इस सम्मेलन में देशभर के 15 राज्यों (छत्तीसगढ़, झारखण्ड, मध्यप्रदेश, ओड़िशा, जम्मू एंड कश्मीर, दिल्ली, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, बिहार, गुजरात, तमिलनाडु और उत्तराखंड) से 500 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने हिस्सेदारी की। सम्मेलन के अंत में नौ प्रस्ताव पारित किए गए। शुरुआती तीन प्रस्ताव छत्तीसगढ़ केंद्रित होते हुए भी सामान्य प्रकृति के हैं, जिनमें विकास के नाम पर जमीन की लूट रोकने, पांचवीं अनुसूची के क्षेत्रों में पेसा कानून और भूमि अधिग्रहण कानून, 2013 के अनुपालन की मांग दर्ज है। बाकी प्रस्ताव भी सामान्य प्रकृति के हैं। ये सभी प्रस्ताव मोटे तौर पर उन्हीं संकल्पों का दुहराव हैं जो आज से कोई आठ साल पहले ओडिशा के जगतसिंहपुर स्थित ढिंकिया में हुए जनसंघर्षों के दो दिवसीय सम्मेलन में पारित किए गए थे। तीन हिस्सों में प्रकाशित की जा रही अभिषेक श्रीवास्तव की लंबी रिपोर्ट का तीसरा और अंतिम भाग।
अंधविश्वास बढ़ाती हिंदी अखबारों में ब्राह्मणों की पत्रकारिता (डायरी 8 नवंबर, 2021)
अखबार समाज से अलग नहीं होते। जैसा समाज होगा, वैसा ही अखबार भी होगा। समाज में जिस वर्ग का वर्चस्व रहेगा, अखबारों में उसका...
साम्राज्यवाद-विरोधी संघर्ष में विश्व-मीडिया की भूमिका निष्पक्ष नहीं है
तेलुगु के क्रांतिकारी कवि वरवर राव के जन्मदिन पर विशेष
वर्तमान समय में खासकर तीसरी दुनिया में जो जनान्दोलन चल रहे हैं, उनके बारे में...

