आज जबकि देश का माहौल राममय बनाने की घोषणा सामने आ चुकी है, विपक्ष के सामने एक ही रास्ता है कि वह राममय के समानांतर देश का माहौल सामाजिक न्यायमय बनाने का अभियान छेड़े। किन्तु भारी अफ़सोस के साथ कहना पड़ता है कि सामाजिक न्यायमय माहौल बनाने में एमके स्टालिन और राहुल गाँधी को छोड़कर इंडिया गठबंधन से जुड़े अन्य दलों और नेताओं में खास आन्तरिकता नहीं दिख रही है।