पोरवाल ने कहा कि इस मामले में फूलन देवी समेत कुल 35 आरोपी थे। जिसमें श्याम बाबू और विश्वनाथ को छोड़कर बाकी सबकी मौत हो चुकी है। 14 फरवरी 1981 को फूलन और उसके गिरोह ने कानपुर देहात के बेहमई गांव में 20 लोगों को एक लाइन में खड़ा कर गोलियों से भून दिया था।
सीजेआई ने कहा कि हमारी राय है कि कम से कम प्रतिबंधात्मक साधनों से परीक्षण संतुष्ट नहीं होता है। उस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड के अलावा दूसरे साधन भी हैं। इलेक्ट्रॉनिक हस्तांतरण और चुनावी ट्रस्ट के दूसरे माध्यमों से योगदान किया जा सकता है। इस प्रकार काले धन पर अंकुश लगाना इलेक्टोरल बॉन्ड का आधार नहीं है।