आज का युवा अकादमिक संस्थानों से भले ही पढ़ाई न कर पाता हो लेकिन व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट की उपाधि जरूर हासिल कर लेता है। इस यूनिवर्सिटी की स्थापना पिछले कुछ वर्षों पहले ही हुई है, जिसके बाद प्राचीन इतिहासकारों द्वारा खोजी और लिखे गए तथ्यों को एक सिरे ने नकारा जा रहा है। इसमें आरएसएस ने बड़ी और महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। असली मुद्दा यह है कि दक्षिणपंथी राजनीति का बोलबाला बढ़ने के साथ ही, उसने बहुत चतुराई से अपना राजनैतिक एजेंडा लागू करना शुरू कर दिया है। वे एक ऐसे इतिहास का निर्माण कर रहे हैं जो न तार्किक हैं और न तथ्यात्मक।