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सहभागी शोध पद्धति
आदिवासी लड़कियों के जीवन में भी है जेन्डर असमानता
लड़का-लड़की के लालन-पालन से संताल समाज में होने वाले विभेद पर लड़कियों ने अपनी राय देते हुए बताया कि लड़के के पालन-पोषण में माँ को थकावट महसूस नहीं होती है। लड़की को जहां मनपसंद कपड़ा पहनने को नहीं मिलता है, वहीं लड़के को इच्छानुसार कपड़ा मिलता है। खेलने में भी भेदभाव बरता जाता है। लड़की घरेलू सामानों से ही खेलती है जबकि लड़कों को खेलने के लिए फुटबाॅल मिलता है।