Saturday, June 14, 2025
Saturday, June 14, 2025




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

अरुण सिंह

रासायनिक खेती से निजात पाना संभव है ? कॉर्पोरेट, बाजार और मुनाफे के खेल में धूमिल हो रहीं जैविक खेती की संभावनाएं

1960 के दशक तक आत्मनिर्भर भारतीय किसान आज पूरी तरह से रासायनिक खाद, कीटनाशक, बीज, कृषि उपकरण, सिंचाई के यंत्र, बांध, बिजली बनाने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियों के ऊपर निर्भर हो गया है। जैविक खेती का सीधा संबंध बीज और पशुपालन से है। बिना बीज, पशुपालन और बागवानी के जैविक खेती की कल्पना करना ख्याली पुलाव पकाने के अतिरिक्त और कुछ नहीं है।

रासायनिक खेती के उदय और विकास में वैश्विक शक्तियों की भूमिका और लाभ की राजनीति

रासायनिक कंपनियों द्वारा उत्पादित रासायनिक खादों, दवाओं और आनुवंशिक रूप से संशोधित बीजों को कृषि में प्रयोग करने के इतिहास की गहराई से छानबीन करने से पता चल सकता है कि दुनिया भर की सरकारों ने जानबूझकर सोची समझी रणनीति के तहत रासायनिक कंपनियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से इसकी अनुमति दिया और अपनी कृषि नीतियों में बदलाव किया।

रासायनिक खेती का सच : कारपोरेट खेती और जहरीले खाद्यान से कैसे मिलेगी निजात?

क्या वास्तविक रुप में दोबारा रासायनिक खेती छोड़ कर पारम्परिक खेती की ओर लौटा जा सकता है? यदि हाँ तो उसकी क्या रणनीति है?
Bollywood Lifestyle and Entertainment