1960 के दशक तक आत्मनिर्भर भारतीय किसान आज पूरी तरह से रासायनिक खाद, कीटनाशक, बीज, कृषि उपकरण, सिंचाई के यंत्र, बांध, बिजली बनाने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियों के ऊपर निर्भर हो गया है। जैविक खेती का सीधा संबंध बीज और पशुपालन से है। बिना बीज, पशुपालन और बागवानी के जैविक खेती की कल्पना करना ख्याली पुलाव पकाने के अतिरिक्त और कुछ नहीं है।
मध्य प्रदेश के कई जिले पान की खेती के लिए मशहूर रहे हैं लेकिन कोरोना के दौरान लगे लॉकडाउन से पान का उत्पादन करने वाले किसान आर्थिक अस्थिरता का सामना कर रहे हैं, वहीं अप्रैल महीने की शुरुआत में हुई बेमौसम बारिश ने पान किसानों की कमर तोड़ दी। क्या पारम्परिक रूप से पान की खेती करने वाले किसान पान की खेती छोड़ अन्य कामों की ओर रुख कर रहे हैं?
शिवानी कहती हैं, ‘शहरों में तो काम करने के अनेकों मौके हैं और करिअर ग्रोथ भी काफी अच्छा है, पर अगर हर कोई यही सोच कर शहर का रुख करने लगे, तब तो गाँव खाली हो जायेंगे। फिर गांव का विकास कैसे होगा?’
दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) से कहा है कि वायु प्रदूषण के कारण लोगों का मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ रहा है, लोगों में चीजों को याद रखने से जुड़ी समस्याएं आ रही हैं और जीवन की चुनौतियों से निपटने की क्षमता कम हो गई है।
1960 के दशक तक आत्मनिर्भर भारतीय किसान आज पूरी तरह से रासायनिक खाद, कीटनाशक, बीज, कृषि उपकरण, सिंचाई के यंत्र, बांध, बिजली बनाने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियों के ऊपर निर्भर हो गया है। जैविक खेती का सीधा संबंध बीज और पशुपालन से है। बिना बीज, पशुपालन और बागवानी के जैविक खेती की कल्पना करना ख्याली पुलाव पकाने के अतिरिक्त और कुछ नहीं है।
मध्य प्रदेश के कई जिले पान की खेती के लिए मशहूर रहे हैं लेकिन कोरोना के दौरान लगे लॉकडाउन से पान का उत्पादन करने वाले किसान आर्थिक अस्थिरता का सामना कर रहे हैं, वहीं अप्रैल महीने की शुरुआत में हुई बेमौसम बारिश ने पान किसानों की कमर तोड़ दी। क्या पारम्परिक रूप से पान की खेती करने वाले किसान पान की खेती छोड़ अन्य कामों की ओर रुख कर रहे हैं?
शिवानी कहती हैं, ‘शहरों में तो काम करने के अनेकों मौके हैं और करिअर ग्रोथ भी काफी अच्छा है, पर अगर हर कोई यही सोच कर शहर का रुख करने लगे, तब तो गाँव खाली हो जायेंगे। फिर गांव का विकास कैसे होगा?’
दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) से कहा है कि वायु प्रदूषण के कारण लोगों का मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ रहा है, लोगों में चीजों को याद रखने से जुड़ी समस्याएं आ रही हैं और जीवन की चुनौतियों से निपटने की क्षमता कम हो गई है।
विश्व के 100 सर्वाधिक प्रदूषित शहरों की सूची में 83 शहर भारत के हैं। मध्य और दक्षिण एशिया के शीर्ष 15 प्रदूषित शहरों में बेगूसराय के अलावा बिहार के सीवान, सहरसा, कटिहार, बेतिया, समस्तीपुर और आरा शहर शामिल हैं।