Sunday, September 8, 2024
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पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

ओमप्रकाश अमित

मिर्ज़ापुर : किंवदंतियों में लोगों की गर्दन काटनेवाले रामविलास बिन्द और उनकी वास्तविक कहानी

मिर्ज़ापुर जिले की चुनार तहसील के कई गाँवों में रामविलास बिन्द किंवदंती के पात्र हैं। बरसों पहले 1974 में एनकाउंटर में मारे जा चुके रामविलास अभी भी बहुत से लोगों की यादों में हैं। लोग कुछ न कुछ बता ही देते हैं। कुछ कहते हैं कि वह सामंतवाद के खिलाफ उठी आवाज थे लेकिन बहुत से लोग कोई टिप्पणी नहीं करते। किरियात में स्थित उनके गाँव मढ़िया समेत कई गाँव के लोगों से मिलकर लिखी गई ओमप्रकाश अमित की यह रिपोर्ट पढ़ी जानी चाहिए।

मिर्ज़ापुर : शायर की क़ब्र पर उगी घास और समय की मांग से बाहर होती जा रही मिर्ज़ापुरी कजरी

उत्तर प्रदेश के लोकगायन में बहुत चर्चित विधा है कजरी। कजरी की बात होने पर मिर्ज़ापुरी कजरी और लोककवि बप्फ़त का नाम आना सहज है। दोनों एक दूसरे के पर्याय हैं। आज भले ही कजरी गायन की रौनक कम हो रही है लेकिन कजरी लेखक बफ़्फ़्त की लिखी कजरी आज भी गाई और सुनी जाती हैं। बेशक उनकी कब्र वीरान पड़ी है, उन्हें याद करने वाले कम हो गए हों लेकिन जब-जब कजरी की बात होगी बप्फ़त की याद जरूर आएगी।