Sunday, September 8, 2024
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पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

पूजा यादव

पूजा यादव पर्यावरण की शोधार्थी हैं। वह राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी शोध संस्थान (NEERI) नागपुर में प्रोजेक्ट एसोसिएट रह चुकी हैं।

मुंबई : कूड़ा जो उड़ता और रिसता हुआ फैल रहा है साँसों और धमनियों तक

हवा और पानी के खतरे में पड़ने से हमारा श्वसन तंत्र और रक्त वाहिनियाँ भी खतरे में हैं और धीरे-धीरे इसका खामियाजा भी हम झेल रहे हैं। जो हवा और पानी है उसे कॉर्पोरेट लालच, लूट  और सांस्थानिक अनैतिकता ने इस हद तक दूषित कर दिया है कि उन्हें अपने शरीर के अनुकूल बनाते-बनाते हमारा श्वसन तंत्र और रक्त वाहिनियाँ लंबे समय तक हमें स्वस्थ रहने देने की योग्यता खो रही हैं।

पितृसत्ता में औरत के लिए घर भी एक जेल है – सीमा आज़ाद

मानवाधिकार के क्षेत्र में सीमा आज़ाद एक जाना-पहचाना नाम है। वह छात्र जीवन से ही राजनीतिक-सामाजिक मोर्चे पर सक्रिय रही हैं। ऑपरेशन ग्रीन हंट और विभिन्न योजनाओं में किसानों की जमीन हड़पे जाने के खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई जिसके कारण उनकी गिरफतारी हुई। अगोरा प्रकाशन एक किताब औरत का सफ़र : जेल से जेल तक लिखा जिसे पाठकों ने हाथो हाथ लिया। जेल जीवन पर उनकी किताब ज़िंदाँनामा भी ख़ासी चर्चित रही।विगत दिनों उनकी बनारस यात्रा के दौरान gaonkelog.com  की विशेष संवाददाता पूजा ने बातचीत की। 

एक ज़िद और जुनून का नाम है मनोज

जिसपर मुश्किलों की मार पड़ी हो उसका दर्द वही समझता है। मुश्किलों में अपनी जिंदगी गुजार रहे मनोज ने फैसला लिया कि जिस मुश्किल के कारण उन्हें अपने सपनों से समझौता करना पड़ा, वे मुश्किलें उनके जैसी हालत से आने वाले बच्चों के साथ न हो । इसके लिए मनोज ने अपने गांव के साथ- साथ अपने आसपास के गाँव में बच्चों को शिक्षित करने के लिए एक मुहिम चलायी जिसका नाम है - मिशन स्कूल चलो अभियान, जिसमें आज लगभग 400 बच्चे ऐसे जुड़े हैं जिन्होंने कभी स्कूल में कदम तक नहीं रखा था।