सीटू तिवारी
लेखिका स्वतंत्र पत्रकार हैं और पटना में रहती हैं।
ग्राउंड रिपोर्ट
किशनगंज – ‘सिल्की’ सपना टूट गया, बची सिर्फ रेशमी यादें
पूरे देश में खेती करने वाले किसानों का खस्ताहाल है। सरकारी सुविधा से न तो उन्हें बीज उपलब्ध हो पाता है न खाद और न ही बाजार। ऐसे में किसान उत्पादित फसल को औने-पौने दामों में बेचने को मजबूर हो जाता है या फिर अपना पुश्तैनी काम छोडकर किसी दूसरे काम को करते हुए बामुश्किल अपनी जीविका चला पाता है। बिहार के किशनगंज से रेशम की खेती करने वाले किसानों की जमीनी हकीकत की पड़ताल करती यह रिपोर्ट
राजनीति
Lok Sabha Election : क्या राम की सवारी कर बुद्ध की नगरी जीतेंगे मांझी?
बिहार में सालों से राम, रामायण, रावण, सत्यनारायण की पूजा जैसे अलग-अलग जरियों से राष्ट्रवाद की आंच में पकी हिंदुत्व की जिस पॉलिटिक्स को जीतन राम मांझी वैचारिक तौर पर चुनौती दे रहे थे, वो उम्र के 80वें बसंत पर आते-आते फुस्स हो गई। आखिर ऐसा क्यों हुआ कि चुनाव से पहले जीतन राम को अयोध्या के राम मन्दिर में जाना पड़ गया? पढ़ें बिहार से सीटू तिवारी की चुनावी ग्राउंड रिपोर्ट...
ग्राउंड रिपोर्ट
लोकसभा चुनाव : चंपारण का मीट तो लज़ीज़ पका लेकिन गठबंधन पॉलिटिक्स कच्ची रह गई
पप्पू सर्राफ का बनाया मीट तो उसके ग्राहकों के लिए सुपाच्य है लेकिन राजनीति में पप्पू के तौर पर मशहूर राहुल गांधी का बनाया मीट और उससे निकली पॉलिटिकल संधि बिहार में ‘अपच’ का शिकार हो गई।