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अर्थव्यवस्था

योगी सरकार में बुनकरों पर बिजली बिल की मार

वाराणसी। बेनीपुर नियाज़पुरा गाँव में शशिकांत गुप्ता के पॉवरलूम कारखाने में से लूम की खट-खट की अनवरत आवाज़ जब बीच में थोड़ी धीमी होती है तो…
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बनारस में ब्रश बनाने वाली कामगारों को न्यूनतम मज़दूरी तक नहीं लेकिन कटौती अनिवार्य

सर्व सेवा संस्थान, राजघाट के ठीक सामने किला कोहना राजघाट नाम का एक मोहल्ला है। मोहल्ला क्या एक बड़ा-सा बाड़ा जैसा था, जैसे ही उस बाड़े में बड़े…
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क्या देश बेचने से कुछ कदम पीछे हटी है मोदी सरकार!

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट पेश हो चुका है। इसके पेश होने के एक दिन पूर्व पीएम नरेंद्र मोदी ने दावा किया था कि वित्त…
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पाकिस्तान की वर्तमान बदहाली से भारतवासियों को कितना खुश हो लेना चाहिए?

इन दिनों पाकिस्तान भयावह आर्थिक संकट से गुजर रहा है। गेहूं का आटा 150 पाकिस्तानी रुपये (पीकेआर) प्रति किलो है। एक रोटी की कीमत 30 रूपये है।…
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कुछ घरानों के हाथ में सबकुछ सौंपकर कैसे मिलेगी आर्थिक असमानता से निजात 

भारत में आर्थिक असमानता की खाई और चौड़ी हो गई है। यह बात स्विट्जरलैंड के दावोस में चल रहे वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम के सालाना बैठक के पहले दिन…
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भारत में बढ़ती बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था पर भारी

स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे में सुधार से युवा श्रम शक्ति के लिए अधिक उत्पादक दिवस सुनिश्चित होंगे, इस प्रकार अर्थव्यवस्था की…
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लकड़ी की कारीगरी का नया अंदाज़ है जोगई

पिछली कुछ रिपोर्टों में मैंने बनारस के कश्मीरीगंज और लल्लापुरा के ऐसे दस्तकारों के बारे में बताया था जो भारत की पतनशील अर्थव्यवस्था के सबसे…
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पेंटागन के बिल्ले यहीं शिवाले में बनते हैं

शिवाले की गली में घुसते ही एक पुरानी, सीलन भरी और पुराने सामानों से अंटी पड़ी कोठरी में दो कारचोब पर दो लोग झुके हुए बिल्ले पर कढ़ाई कर रहे…
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अर्थव्यवस्था के कुठाराघात ने बनारस में खिलौना बनानेवालों को तबाही के कगार पर ला खड़ा किया है

बनारस अपनी अनेक चीजों के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। यहाँ की गलियाँ, गालियाँ, मिठाई, घाट, पंडे, पान, विश्वविद्यालय और भौकाल सबकुछ दूर-दूर…
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खिलौना रंगने वाली औरत की साठ रुपये रोज पर कैसे गुजर होती होगी?

बनारस के मुहल्लों में काम कर रहे श्रमिकों का कठिन जीवन - पहली किश्त  एक  छत पर पहुँचते ही रंग की तेज गंध नाक में घुसी। वहाँ तीन महिलाएँ और…
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