Tuesday, December 3, 2024
Tuesday, December 3, 2024




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमपूर्वांचलआजमगढ़ : सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लड़ने वाले पेरियार के जीवन संघर्षों...

इधर बीच

ग्राउंड रिपोर्ट

आजमगढ़ : सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लड़ने वाले पेरियार के जीवन संघर्षों को देखते हुए उन्हें समझा जा सकता है

ईवी रामास्वामी नायकर पेरियार ने सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आंदोलन चला समाज सुधार का बीड़ा उठाया। पेरियार ने समाज में फैली ब्राह्मणवादी व्यवस्था का ही सख्त विरोध नहीं किया बल्कि राजनीति में भी कांग्रेस पार्टी में ब्राह्मणों के वर्चस्व को देखते हुए वहाँ से त्यागपत्र देते हुए नई पार्टी बनाई। आजमगढ़ में सामाजिक न्याय आन्दोलन की श्रृंखला में ग्राम कोठरा, पंचायत भवन, हाफिजपुर में ‘पेरियार की वैज्ञानिक दृष्टि और हमारा समय’ विषय पर गोष्ठी का आयोजन करते हुए उन्हें याद किया गया।

आजमगढ़ में पेरियार और पूर्व मंत्री दलसिंगार यादव की स्मृति में संगोष्ठी का आयोजन हुआ। सामाजिक न्याय आन्दोलन की श्रृंखला में ग्राम कोठरा, पंचायत भवन, हाफिजपुर में ‘पेरियार की वैज्ञानिक दृष्टि और हमारा समय’ विषय पर गोष्ठी आयोजित किया गया। ईवी रामास्वामी नायकर पेरियार और पूर्व मंत्री दलसिंगार यादव को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कार्यक्रम का आरंभ किया गया।

सामाजिक न्याय की शक्तियों, विशेषकर जो पिछड़ी जातियों के आत्मनिर्भर और स्वाभिमान के सवाल उठा रही हैं, को पेरियार को समझना अत्यंत आवश्यक है। पेरियार को समझने के लिए उनके पूरे जीवन संघर्ष को समझना होगा अन्यथा पेरियार को ‘जुमलों’ में बदलकर और एक जातीय रूप देकर हम कभी भी आगे नहीं बढ़ सकते। पेरियार जैसा होना बेहद कठिन है और उसके लिए वैचारिक मजबूती की बहुत आवश्यकता होती है।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डाॅ. आर.पी. गौतम ने कहा कि जातीय अस्मिता के दंभ से निकलकर तर्कशील होना जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दलसिंगार यादव आजीवन समाजवादी चेतना से संबद्ध रहे तो वहीं पेरियार ने आस्थावादी परिवार में रहते हुए तर्कशील और वैज्ञानिक विचारों से समाज में क्रान्ति लाई। गौतम ने विविध प्रसंगो से आधुनिक समाज को जोड़कर पेरियार की वैज्ञानिक चेतना को रेखांकित किया।

गोरखपुर से आए डाॅ. सतीश राना ने कहा कि पेरियार सामाजिक परिवर्तन के आंदोलन में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। तर्कशील समाज बनाने में पेरियार की वैज्ञानिक दृष्टि की आज जरूरत है।

किसान नेता राजीव यादव ने कहा कि सामाजिक न्याय के सन्दर्भ में ऐसी गोष्ठियों का होना बहुत जरूरी है। हमें इसी श्रृंखला में पदयात्रा निकालकर गांव-गांव को जोड़ने की कवायद को और तेज करना होगा। विगत इन सालों में लोगों में वैज्ञानिक विकास का प्रादुर्भाव तेजी से हुआ है इसे और करने की आवश्यकता है।

डाक्टर राजेन्द्र यादव ने कहा कि पेरियार की सोच बचपन से ही वैज्ञानिक रही। उनके द्वारा लिखी पुस्तक सच्ची रामायण को तर्कों और प्रमाणों पर आधारित है। भाषा के आधार पर उत्तर और दक्षिण में वर्चस्वता है, किन्तु अधिकारों के सामानान्तर पेरियार के विचार वैज्ञानिक भावभूमि पर आधारित हैं।

goshthi-gaonkelog
आजमगढ़ के ग्राम कोठरा, पंचायत भवन, हाफिजपुर में ‘पेरियार की वैज्ञानिक दृष्टि और हमारा समय’ विषय पर अपनी बात रखते वक्ता

यह भी पढ़ें – भारतीय गणतंत्र के केंद्रीय तनावों का समाधान है जाति जनगणना

जनवादी लेखक संघ के अध्यक्ष अरुण मौर्य ने जातीय संरचना पर प्रहार करते हुए उसे देश की सबसे बड़ी कुरीति बताया जहां समान पद-प्रतिष्ठा और योग्यता होते हुए भी जाति के आधार पर सम्मान नहीं किया जाता है।

बहुजन गीतकार रामानन्दन भारती, इप्टा महासचिव बैजनाथ गंवार और राजनाथ सिंह राज ने अपने गीतों से सामंती समाज पर प्रहार करते हुए सामाजिक सद्भाव की बात की। जिला उपाध्यक्ष कांग्रेस पार्टी मंतराज यादव ने कहा कि पेरियार की विचारधारा लोगों को तर्कशील बनाती है, उन्हें अपने हक के लिए लड़ना सिखाती है। दलसिंगार यादव तथा चन्द्रजीत यादव आजमगढ़ जनपद में सामाजिक न्याय की धरोहर हैं।

बहुजन मुक्ति पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लाल बहादुर त्यागी ने दलसिंगार जी को सामाजिक क्रान्ति का अग्रदूत कहा। मण्डल कमीशन की सिर्फ दो सिफारिशें अब तक लागू हो पायी हैं, इसकी अन्य सिफारिशे भी लागू होनी चाहिए।

संगोष्ठी में पवन वर्मा, किसान नेता वीरेन्द्र यादव, राष्ट्रीय महासचिव बाबा साहेब अम्बेडकर वाहिनी रामजीत यादव सहित अन्य वक्ताओं ने भी पेरियार की वैज्ञानिक दृष्टि पर अपनी बात रखी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे ग्राम प्रधान वीरेन्द्र यादव ने पेरियार और दलसिंगार यादव पर अपना विचार रखते हुए कार्यक्रम का समापन किया। कार्यक्रम का संचालन सत्यम प्रजापति ने और विषय प्रवर्तन डाॅ. अजय गौतम ने किया।

इस गोष्ठी में राहुलकान्त, अधिवक्ता विनोद यादव, अवधेश यादव, वसीम अकरम, पवन वर्मा, महेन्द्र यादव, पप्पू कुमार यादव, दिनेश मास्टर, नंदलाल यादव, अजय यादव, महेन्द्र यादव, सच्चिदानन्द यादव, राजशेखर, हवलदार राम, मुकेश कुमार, कर्मवीर यादव, प्रांचल यादव, गज्जू यादव, सोनू कुमार, चंदन कुमार सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here