मजदूर एक स्वतंत्र नागरिक है। उसकी सबसे बड़ी पूंजी उसका स्वस्थ शरीर, श्रमशक्ति, उसका हुनर और रोजगार की तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान के लिए… Read More...
भारतीय शिक्षा व्यवस्था और उसके विभिन्न पहलुओं पर बहुत कम फ़िल्में बनी हैं। शिक्षण संस्थानों की बात करें तो तक्षशिला, नालंदा विश्वविद्यालय और… Read More...
सांप संपेरे की झपोली में हो या फिल्म के परदे पर लेकिन जनता का मनोरंजन करने की ज़िम्मेदारी सदियों से उनके ऊपर है। भूत, चुड़ैल से लेकर खतरनाक… Read More...
जब तक बॉलीवुड भारतीय समाज की सही समझ नहीं विकसित करता और जातीय और साम्प्रदायिक पूर्वाग्रहों से मुक्त नहीं होता तब तक वह साहित्यिक कृतियों का… Read More...