https://www.youtube.com/watch?v=4_VtwLDxzNA&t=191s
महिमा कुशवाहा एक तेज-तर्रार और सामाजिक सरोकारों वाली इलाहाबाद हाईकोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता हैं जो समाज के दबे-कुचले लोगों, पिछड़ों-दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों को...
आज़ादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी इन गाँवों के ज़रूरतमंद व वंचित समाज के लोगों को मूलभूत सुविधाओं से रुबरू होने का अवसर ही नहीं मिला है। उपर्युक्त आरोप दलित फ़ाउंडेशन से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता का है, जो गुरुवार को उक्त गाँवों का दौरा कर दलित, वंचित व जरुरतमंदों की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थितियों का जायजा ले रहे थे।