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पत्रकार
टैगोर और मेरी एक ख्वाहिश (डायरी 9 मई, 2022)
कुछ खबरें अलग होती हैं। सामान्य तौर पर राजनीतिक खबरें ऐसी नहीं होती हैं आदमी की नींद खराब हो जाय। और मैं तो राजनीतिक...
पत्रकार नहीं, अखबार होते हैं रीढ़विहीन (डायरी 5 मार्च, 2022)
पत्रकार आसमान से नहीं आते। वे इसी धरती पर जन्म लेते हैं, रहते हैं और पत्रकारिता करते हैं। ठीक वैसे ही जैसे अन्य तरह...
बदलते दौर में बेटियां और उनके सवाल ( डायरी 8 अक्टूबर, 2021)
कोई नई बात नहीं है। ऐसा होता रहा है और मुझे लगता है कि असंख्य लोगों के सामने यह सवाल जरूर रहता होगा। खासकर...

