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Agriculture and Farming
राजस्थान : सरकार द्वारा खेती के लिए अनेक योजनाएं लागू करने के बाद भी कमी से जूझ रहे हैं किसान
किसानों के हितों में सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों के बावजूद ज़मीनी स्तर पर देखा जाये तो सूरतेहाल कुछ और ही नज़र आता है। देश के कई ऐसे राज्य हैं जहां अलग अलग भौगोलिक परिस्थितियों के कारण किसानों को कृषि कार्य में अलग तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। राजस्थान के बीकानेर जिला स्थित लूणकरणसर ब्लॉक ऐसा ही एक उदाहरण है। अपनी विशिष्ट भौगोलिक विशेषताओं और सीमित प्राकृतिक संसाधनों के कारण यहां कृषि संबंधी कार्यों में किसानों के लिए कई प्रकार की चुनौतियां हैं।
स्वास्थ्य और पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए मोटे अनाज की खेती और मांग फिर बढ़ गई
अमृत राज -
आज से 45-48 वर्ष पहले तक मोटे अनाज की पर्याप्त खेती होती थी और भोजन में इसका भरपूर उपयोगकिया जाता था। लेकिन हरित क्रांति के बाद खेतों में गेंहूँ, धान की बुवाई ज्यादा की जाने लगी और हाइब्रिड बीज के माध्यम से अधिक पैदावार के नाम पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने परंपरागत खेती को प्रभावित किया है। परिणामतः किसानों को खेती करने के लिए बाजार पर निर्भरता बढ़ गई। वह मोटे अनाज की खेती छोड़ नकदी फसलों के उत्पादन पर जोर देने लगे। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित करने के बाद से किसान एक बार फिर से इसकी खेती की ओर प्रोत्साहित हो रहे हैं।