Friday, November 22, 2024
Friday, November 22, 2024




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमTagsAsahyog andolan

TAG

asahyog andolan

वायकम के मंदिर प्रवेश आंदोलन में पेरियार की भूमिका सामाजिक न्याय के इतिहास में मील का पत्थर है

यह वही त्रावणकोर राज्य था जहाँ दलित गुलामी की जिंदगी जीते थे और नाडार, शांनार, इझवा, पुलाया, पराया, जातियों की महिलाओं को ब्लाउज पहनने का अधिकार नहीं था क्योंकि ब्राह्मणवादी सत्ता ये चाहती थी कि अवर्ण समाज की महिलायें ब्राह्मणों और नायर महिलाओं की तरह नहीं दिखनी चाहिए। जातीय उत्पीड़न से तंग आकर जब इन वर्गों की महिलाओं ने क्रिश्चियानिटी को अपनाया तो कुछ बदलाव नज़र आने लगे। क्योंकि यूरोपियन सत्ता अब इसे नियंत्रण कर रही थी इसलिए महाराज 1829 में शानार महिलाओं (जो ईसाई बन गई थीं) को कूपायन यानि ऊपरी वस्त्र पहनने कि अनुमति दे दी।

महिला सशक्तिकरण के लिए गांधीजी की भूमिका

इतिहासकार राधा कुमार के शब्दों में-‘नारी के प्रति स्त्रैण विचारों एवं राजनीति का नारीकरण करने की प्रवृत्ति के कारण गाँधी जी को भारतीय नारी...

ताज़ा ख़बरें