समाज और संस्कृति सामाजिक आक्रोश और प्रतिकार का बिगुल हैं कविताएं गांव के लोग Sep 9, 2021 आदमखोर केवल जानवर हो सकता है इंसान नहीं, तू भी इंसान नहीं हमारी हड्डियों को चाभने वाला दोपाया जानवर है आदमखोर… Read More...
समाज और संस्कृति कविता में मोचीराम की प्रशंसा कवि धूमिल की ब्राह्मणवादी चाल है? गांव के लोग Aug 4, 2021 पहला भाग पेट की भूख इस बात की परवाह नहीं करती कि कौन छोटा है और कौन बड़ा है। जहाँ से भी व्यक्ति का पेट भरता है या पेट भरने की उम्मीद… Read More...