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bhagwan das morwal
प्रेमचंद के बाद ऐसा कोई कथाकार नहीं हुआ है जिसकी रचनाओं में मुस्लिम समाज का सांस्कृतिक वैभव हो
बातचीत दूसरा हिस्साआप अपने उपन्यासों में खुद उपदेश देने के बजाय पात्रों के जरिए गंभीर बातें कहलाते हैं। मेवात जैसे अलक्षित क्षेत्र की सांस्कृतिक...

