भिखारी ठाकुर स्त्री के पक्ष में न्याय करते नहीं दिखते, इसके पीछे कारण यह है कि उन्होंने समाज की सच्चाई को यथार्थ उजागर किया है। उस समय के समाज में पितृसत्ता की ऐसी ही धमक थी। वे समाज के बीच रहकर समाज की समस्या को पढ़ते थे और उनके चरित्र को नाटकों के माध्यम से समाज में अभिव्यक्त करते थे।