छत्तीसगढ़ स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा ने बाजी मारी है। हालांकि उसकी इस जीत से किसी को भी आश्चर्य नहीं है। कांग्रेस की हार को लेकर भी लोगों में कोई चिंता नहीं दिखती। शायद कांग्रेस को भी इसका दुख नहीं है, क्योंकि वह दिखावे के लिए और हारने के लिए ही चुनाव लड़ रही थी। लेकिन जो लोग संघ-भाजपा के रूप में देश पर मंडरा रहे खतरे को जानते-समझते हैं, उन्हें इस बात का दुख अवश्य है कि पिछले एक साल में कांग्रेस का जनाधार और कमजोर हुआ है और जिन सीटों पर विधानसभा चुनाव में उसे बढ़त हासिल थी, उन क्षेत्रों के नगर निकायों में भी उसने अपनी बढ़त खो दी है।
हाथी और मानव संघर्ष के बारे में सामाजिक कार्यकर्ता और हसदेव बचाओ संघर्ष समिति के कन्वेनर आलोक शुक्ला का कहना है कि भारतीय वन जीव संस्थान ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि हसदेव का जंगल हाथियों के पुराने रहवास का इलाका और आने-जाने का कॉरिडोर है। अगर यहां से जंगल काटा जाता है, तो हाथी यहां से बाहर निकलेंगे। जिसके कारण मानव-हाथी संघर्ष इतना बढ़ जाएगा कि फिर उसे संभाला नहीं जा सकता।