राज्य में 26.85 लाख धान उत्पादक किसानों ने 33.51 लाख हेक्टेयर रकबे का पंजीयन कराया था, लेकिन सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 24.72 लाख किसान ही 27.92 लाख हेक्टेयर रकबे का धान बेच पाए हैं। फरवरी के अतिरिक्त चार दिनों में 19000 किसानों ने 2.69 लाख टन धान बेचा है। इस प्रकार, 2.13 लाख किसानों का 5.59 लाख हेक्टेयर रकबे में उत्पादित धान अनबिका है।
देश के कृषि संकट को पहचानने और बेरोजगारी, गरीबी और खाद्य असुरक्षा की बिगड़ती स्थिति से निपटने के बजाए मोदी सरकार ने पिछले बजट में खाद्य सब्सिडी में 90,000 करोड़ रुपये की कटौती की थी। इसी तरह, अन्य सामाजिक कल्याण की योजनाओं पर और मनरेगा आबंटन में भी 30 प्रतिशत की कटौती की गई है।
एसईसीएल प्रबंधन कुसमुंडा क्षेत्र में भूविस्थापितों के 500 दिनों से चल रहे अनवरत धरना से पहले से ही परेशान है, वहीं आज किसान सभा ने सैकड़ों भूविस्थापितों के साथ गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव कर दिया और रोजगार, पुनर्वास और मुआवजा संबंधी मांगें पेश कर दी। इन मांगों पर कार्यवाही न होने की स्थिति में किसान सभा ने 15 मार्च को गेवरा खदान बंद करने की चेतावनी भी प्रबंधन को दी है।