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Dharm
ब्राह्मणवाद के खात्मे के लिए सिर्फ बाहर ही नहीं भीतर भी संघर्ष करना होगा
आज भी भारतीय समाज कहीं न कहीं ब्राह्मणवाद के प्रभाव में डूबे हुए हैं। ब्राह्मणों की बात तो छोड़िए, भारतीय समाज का ओबीसी समाज ब्राह्मणों से भी ज्यादा ब्राह्मणवाद के झंडाबरदार बने हुए हैं। माना कि ओबीसी के एक तबके में आज़ थोड़ा-बहुत परिवर्तन हुआ है किंतु कभी-कभी लगता वह परिवर्तन अभी कुछ पढ़े-लिखे लोगो में ही देखने को मिलता है या फिर केवल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए। खेद की बात है कि आज भी भारतीय समाज के दलित और ओबीसी वर्गों के एक बड़े तबके को गाय-पूजा, संस्कृत और अन्य चीजें आज भी अव्यावहारिक नहीं लगतीं।
क्या भारत सरकार बदले की भावना से काम कर रही है?
देश की जनता को अगर आप ध्यान से देखें तो इस वक़्त आप इन्हें चार भागों में बाँट सकते हैं। एक वो लोग जो...
वीर्य की पवित्रता का मसला (डायरी 29 अप्रैल, 2022)
अहंकार बेशक नकारात्मक शब्द है। यह एक बुराई है। लेकिन कोई ऐसा नहीं है जो इस बुराई से बचा हो। कम से कम मैंने...

