वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान जनता के बड़े हिस्से ने एक संदेश देते हुए एक रास्ता दिया कि हिंदुत्व की राजनीति-सामाजिक न्याय, संविधान व भाईचारा के लिए ख़तरा है और इसी सोच पर जनता ने उप्र की जनता ने हिंदुत्व के गढ़ को ढहा दिया। विपक्ष का एक हिस्सा भले ही थोड़ा ही बदलाव की कोशिश करता दिखा लेकिन आम आदमी पार्टी, अपने पुराने रास्ते पर ही चलती रही, यानि लगातार हिंदू पिच पर ही बैटिंग करती रही, जिसका नतीजा हम सब के सामने है।
लोकसभा चुनाव के राज्यवार नतीजों के विश्लेषण से यह भी स्पष्ट था कि भाजपा को हराने के लिए राज्यों के स्तर पर संगठित विपक्ष को एकजुट रणनीति बनानी होगी। लोकसभा चुनाव के बाद जहां ऐसा कर पाए, वहां भाजपा को सत्ता से दूर रखने में सफल रहे। दिल्ली चुनाव के नतीजों से फिर साफ हो गया है कि जहां कहीं इस समझदारी का उल्लंघन होगा, भाजपा की राह आसान होगी।