Thursday, July 31, 2025
Thursday, July 31, 2025




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमTagsDnt

TAG

dnt

वाराणसी : मुसहर बस्ती के निवासियों ने भूमि अधिकार व पट्टे हेतु ज्ञापन सौंपा

उड़ान ट्रस्ट इंडिया एवं नट समुदाय संघर्ष समिति, बेलवा वाराणसी ने सम्पूर्ण समाधान दिवस के अवसर पर विक्रामपुर मुसहर बस्ती के निवासियों ने  एसडीएम पिंडरा को ज्ञापन सौंपकर अपनी दीर्घकालिक मांगों को प्रशासन के समक्ष रखा है।

वाराणसी में 76 वर्षों में पहली बार डीएनटी समुदाय ने मनाई अंबेडकर जयंती 

छिहत्तर वर्षों में पहली बार विमुक्त घुमंतू नट समुदाय ने बाबा साहब की जयंती मनाई। नट समुदाय दशकों से सामाजिक अन्याय,  भेदभाव और हाशिये पर रहने की पीड़ा झेल रहा है। संविधान निर्माता बाबा साहब के आदर्शों से प्रेरित होकर इस समुदाय ने अपने अधिकारों के लिए एकजुट हो उन्हें याद किया।

वाराणसी : डीएनटी समुदाय ने सावित्री बाई फुले को याद कर महिला मुक्ति दिवस मनाया

उड़ान ट्रस्ट इंडिया और नट समुदाय संघर्ष समिति बेलवा वाराणसी समाज उत्थान सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान में विमुक्त घुमंतु खानाबदोश समुदाय के लिए महिला मुक्ति दिवस पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

वाराणसी में नट समुदाय : अभी भी दूर है साफ पानी का सपना

सरकार योजनाएँ लाती है और इसके लिए करोड़ों रुपए का बजट पास करती है। योजना की घोषणा के बाद लगता है कि अब सारी दिक्कतें दूर हो जाएंगी लेकिन तंत्र में बैठे लोग योजनाओं से ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाने की जुगत लगाते हैं। ऊपर तो भ्रष्टाचार है ही नीचे वाले जो सीधे जनता से जुड़े होते हैं, वे भी गरीब मजदूर जनता को साफ-साफ ठगने का काम करते हैं। योगी सरकार का दावा है कि हर रोज 40 हजार नए नल में पानी की आपूर्ति हो रही है, गाँव में नल तो लगे हुए हैं लेकिन अधिकाशत: नलों में पानी की जगह हवा निकल रही और जो दावे की पोल खोल रही है। वाराणसी के नहवानीपुर नट बस्ती से अपर्णा की ग्राउंड रिपोर्ट

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस : DNT समुदाय के संघर्ष और सशक्तिकरण को लेकर हुई चर्चा

  उड़ान ट्रस्ट ने वाराणसी में नट, मुसहर और अन्य विमुक्त समुदायों के लोगों मिलकर मानवाधिकार दिवस मनाया।

नट समुदाय : पाँच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था के दावे के बीच पूरा समुदाय आदतन अपराधी के तौर पर उत्पीड़न झेलने को अभिशप्त

जैसे ही नट समुदाय की बात होती है, वैसे ही सभी के जेहन में या जुबान पर उनके चोर होने व उनसे सतर्क रहने का भाव या बात सामने आती है। यह बात आज नहीं बल्कि 150 वर्ष पहले लागू की गई थी, जब ब्रिटिश सरकार ने 1871 से 1952 के बीच, वीजेएनटी जनजातियों पर 'जन्मजात अपराधी' माना, लेकिन स्वतंत्रता के बाद, विभिन्न जनजातियों में पुनर्वर्गीकरण होने के बाद, उनके सामाजिक बहिष्कार व बुनियादी सुविधाओं से वंचित होने के साथ 'आदतन अपराधी' के कलंक का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उसके बाद भारतीय संविधान में 1952 में संशोधन कर इसे 'आदतन अपराधी' माना गया। पुलिस-प्रशासन कैसे इसे उपयोग में लाते हुए नट बस्तियों में रहने वाले लोगों को प्रताड़ित करते हैं, पढ़िये प्रेम नट की ग्राउंड रिपोर्ट 

ताज़ा ख़बरें

Bollywood Lifestyle and Entertainment