Wednesday, July 2, 2025
Wednesday, July 2, 2025




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमTagsDrbhimrav Ambedakar

TAG

drbhimrav Ambedakar

दलितों-पिछड़ों का वर्गीकरण लेकिन ब्राह्मण-बनियों में क्रीमी लेयर का सवाल क्यों नहीं उठाया जा रहा है

पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने दलितों-पिछड़ों के क्रीमी लेयर आरक्षण पर अपना फैसला सुनाया हैं। लोग अपने-अपने तरीके से सुप्रीम कोर्ट के फैसले की व्याख्या कर रहे हैं। असल में मामला वर्गीकरण का था और फैसला वहीं तक सीमित रखा जाना चाहिए था लेकिन कोर्ट के बहुत से न्यायमूर्तियों की टिप्पणियाँ यह दिखा रही हैं कि बहुतों को तो आरक्षण नाम की व्यवस्था से ही परेशानी है। कुछ वर्षों से सुप्रीम कोर्ट और राज्यों में हाई कोर्ट के कई निर्णय ऐसे आए हैं जिनसे लगता है कि ब्राह्मणवादी शक्तियाँ इस प्रश्न को न्याय प्रक्रिया में उलझाना चाहती हैं। प्रस्तुत है सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले पर विद्या भूषण रावत का विश्लेषण।

संविधान से सेक्युलरिज्म और सोशलिज्म को हटाने का मतलब भारत पर हिन्दुत्व और कॉर्पोरेट का अनियंत्रित कब्जा है

वर्तमान सरकार ने संविधान के नए संस्करण में से समाजवाद और सेक्युलरिज्म शब्दों को  हटाकर नई संसद में पहले ही दिन और पहले ही अधिवेशन में अपने इरादे को स्पष्ट कर दिया है। वैसे भी इस दल की स्थापना के मूल में सवर्णों का हित सर्वोपरि है, लेकिन धीरे-धीरे संसदीय राजनीति के तकाजे को देखते हुए सतही तौर पर ही सही महिलाओं से लेकर पिछड़ी जातियों के लोगों को भी शामिल किया गया।

ताज़ा ख़बरें

Bollywood Lifestyle and Entertainment