TAG
fundamental change
भारत के मौजूदा संकट का राजनीतिक अर्थशास्त्र
बुनियादी चुनाव सुधार पर देश में बहस होनी चाहिए और उसके नतीजों को कड़ाई से लागू किया जाना चाहिए। बुनियादी चुनावी सुधार सिर्फ मौजूदा कानूनी प्रावधानों में चंद संशोधऩों से नहीं संभव होगा, इसके लिए कानूनी प्रक्रिया में बुनियादी बदलाव, संविधान संशोधन और सबसे बढ़कर जन सजगता की जरुरत है। समाज में जागरुकता, जनपक्षधर सोच और राष्ट्रव्यापी जन-गोलबंदी के बगैर बडे सुधार और बदलाव संभव नहीं होंगे। हाशिए की आवाजों को तभी सुना जा सकेगा और उत्पीड़ित-दमित लोगों को प्रगति और विकास की धारा, जो समाज के संसांधनों और उनके अपने श्रम व कौशल का नतीजा है, में वाजिब जगह मिलेगी।

